बुधवार, 20 अगस्त 2008

छोटी छोटी मगर मोटी बातें

1- जब हाथ से टूटे न अपनी हथकडी तब मांग लो ताकत स्वयं जंजीर से
जब सृजन के नाम संहार हो तब सृजन का संहार ही भवितव्यहै ।

२-खोल के अपनी मंहगी गठरी सस्ती हॉट लगाओ ।
ये पंक्तिया दिखती तो दार्शनिक हैं लेकिन इनमे व्यवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक रणनीतिक मूल्य भी निहित हैं । आपको क्या लगता है ? है न छोटी छोटी मगर मोटी बातें .......