रविवार, 19 अप्रैल 2009

आजकिसी को ......

आज किसी को नजर आती नहीं कोई दिवार
घर की हर दीवाल पर चिपके हैं इतने इस्तहार
आप बचकर चल सके ऐसी कोई सूरत नही
रहगुजर घेरे हुए खणे हैं बेसुमार

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